hindi story Fundamentals Explained
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गोलू के घर में एक शरारती चूहा आ गया। वह बहुत छोटा सा था मगर सारे घर में भागा चलता था। उसने गोलू की किताब भी कुतर डाली थी। कुछ कपड़े भी कुतर दिए थे। गोलू की मम्मी जो खाना बनाती और बिना ढके रख देती , वह चूहा उसे भी चट कर जाता था। चूहा खा – पीकर बड़ा हो गया था। एक दिन गोलू की मम्मी ने एक बोतल में शरबत बनाकर रखा। शरारती चूहे की नज़र बोतल पर पड़ गयी। चूहा कई तरकीब लगाकर थक गया था, उसने शरबत पीना था।
विषधर अब शांत स्वभाव का हो गया। वह किसी को काटना नहीं था।
चिट्ठी-डाकिए ने दरवाज़े पर दस्तक दी तो नन्हों सहुआइन ने दाल की बटली पर यों कलछी मारी जैसे सारा कसूर बटुली का ही है। हल्दी से रँगे हाथ में कलछी पकड़े वे रसोई से बाहर आई और ग़ुस्से के मारे जली-भुनी, दो का एक डग मारती ड्योढ़ी के पास पहुँची। “कौन है रे!” शिवप्रसाद more info सिंह
मोरल – विषम परिस्थितियों में भी अपने स्वभाव को नहीं बदलना चाहिए।
उनकी अन्य कहानियां भी अपनी अनगढ़ता के बावजूद महत्वपूर्ण हैं.
अंजलि ने उत्तर दिया, “सर्दी आ रही है, गैरी। तैयार रहना महत्वपूर्ण है।”
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उदाहरण के लिए इस कहानी का पहला पैरा ही देखिए :
नैतिक शिक्षा – मेहनत करने से कोई कार्य असम्भव नहीं होता।
सुरीली और मृगनैनी की जान आज उसके परिवार ने बचा लिया था।
वह इतना सुधर गया था , गली में निकलने वालों को परेशान भी नहीं करता।
एक दिन मृगनैनी अपने मां के साथ घूम रही थी, तभी दो गीदड़ आ गए।